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हिंदी शायरी संग्रह, लव शायरी हिंदी में लिखा हुआ

Hindi shayari sangrah, Love shayari Hindi mein likha hua

अपनी अदाओं से दिल लुभाने की कोशिश करने लगी है उसके इरादों को समझने लगा हूं अपना बनाने की कोशिश करने लगी है आजकल खुश रहने लगा हूं मेरे ख्वाबों खयालों में लगी है

मुझे पटाने का नुस्खा आजमाते रहे मैं इनकार करती रही वह करीब आते रहे मैं फस गई हूं उनकी बातों में जिंदगी के लिए अच्छा हमसफर मिल गया

उसकी चाहतों से रूबरू हो गया हूं जबसे मुस्कुराकर करीब आने लगी है अपनी गुणवत्ता बताना शुरू कर दिया है कब तक मेरे मोहब्बत में ढलने से बच पाएगी जब मैंने पटना शुरू कर दिया है

दिल तोड़कर जाने के बाद हम किस हाल में है मुझे मालूम हुआ है वह छुपकर मेरी दशा देखकर मुस्कुराई है आंखें भर जाएंगी मेरे इश्क की कहानी जानकर खुद की तोहीन होती है इसीलिए खामोश रहता हूं मैंने किस तरह ठोकर खाई है

दुआओं में मांगता रहा हूं यूं ही रिश्तो में मिठास बढ़ती रहे धीरे धीरे मोहब्बत परवान चढ़ती रहे सिर्फ तुम्हारा होके रहूं जब तक ये सांसे चलती रहे

उम्र भर साथ निभाने का वादा करो जो हम दोनों की ख्वाहिशें हैं कायम रहने का इरादा करो वक्त खुशियों में गुजरने लगे हर दिन थोड़ा और प्यार ज्यादा करो

आंखों ने भिगोया है उसकी बेवफाई ने डुबोया है अब इश्क का नशा उतर सा गया है सभी गम को आंसुओं ने खूब धोया है

मुझसे मोहब्बत वफा करने लगी है मेरी नजरें दीदार को ठहरने लगी है दूर रहना गवारा लगता नहीं है सच कह रहा हूं हर धड़कन में उतरने लगी है

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मुश्किलें हौसला तोड़ने का प्रयास करती हैं ऐसी परिस्थितियों में जो लक्ष्य से विचलित नहीं होते हैं वह सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं जिंदगी की सभी खुशियां उनके पास होती हैं
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करती रही है अठखेलियां हर अदा से मोहब्बत छलकती रही है यूं ही नहीं मेरे मासूम दिल पर हर वक्त राज करती रही है
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मेरे दिल की गहराई में झांककर देखो यहां सिर्फ तुम रहती हो अब तुम बिन गुजारा संभव नहीं है ऐसा महसूस होता है जैसे यह बात मेरी रूह कहती हो
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तुम्हारी महफ़िल में अपना गुजारा नहीं है फुर्सत में दिल को टटोला कभी खुद को तन्हा अकेला पाया हूं मैं जो टूटकर वफा करता रहा हूं इसके बदले में ठोकर खाया हूं मैं
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खामोशियां रहती है तुम्हारी करतूतों का राज खुलने लगा है जो झूठे वादों में फंसाकर ठगती रही हो हकीकत से हर झूठ का पर्दा हटने लगा है
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हम दोनों के संबंधों में बेतहाशा प्यार बढ़ने लगा है हमसफर बनके उम्र भर साथ चलने का ख्वाब सजने लगा है एक दूजे के करीब होने की बेकरारी बढ़ने लगी है जैसा मेरे ख्वाबों खयालों में था मुकद्दर में बदलाव होने लगा है
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तुम्हारे लिए खुशियां जुटाता रहूंगा आने वाले हर गम को हटाता रहूंगा जो तुम्हें पसंद हो उसी काम में अपना मन लगाता रहूंगा

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Hindi shayari | Love shayari | Shayari Sangrah अपनी अदाओं से मन का करार लूटने लगी हो धीरे-धीरे दीवानगी बढ़ती जा रही है अब अकेले में गुजारा संभव नहीं है करीब होने का हर तरीका आजमाने लगा हूं  मैं बेतहाशा मोहब्बत करने लगा हूं दूर रहना गवारा लगता नहीं है खुदा की कसम सच कह रहा हूं तुम्हारे सिवा अब कहीं और मन लगता नहीं है अब और अपने दिल को समझा नहीं पाऊंगा दूरियों में वक्त बीता नहीं पाऊंगा मेरी ख्वाहिशों में कुछ इस तरह शुमार हो चुकी हो अब किसी और से दिल लगा नहीं पाऊंगा जो उम्र भर साथ देने का वादा किया है इससे कभी मुकरना नहीं वक्त के बदलाव में बहुत कुछ बदल जाएगा मगर अपने इरादों से बदलना नहीं

वह आज भी मेरी मोहब्बत को तरसते हैं

वह आज भी मेरी मोहब्बत को तरसते हैं मुझे बेवफा कह कर घुटते हैं और तड़पते है मेरी किस्मत मारी गई थी जो उन्हें छोड़कर चली आई यहां मेरे हालात ऐसे हैं कि वह मेरी कद्र नहीं करते दिन रात सताते और भड़कते हैं