Hindi shayari | Love shayari | Shayari Sangrah
मैं बेतहाशा मोहब्बत करने लगा हूं दूर रहना गवारा लगता नहीं है खुदा की कसम सच कह रहा हूं तुम्हारे सिवा अब कहीं और मन लगता नहीं है
अब और अपने दिल को समझा नहीं पाऊंगा दूरियों में वक्त बीता नहीं पाऊंगा मेरी ख्वाहिशों में कुछ इस तरह शुमार हो चुकी हो अब किसी और से दिल लगा नहीं पाऊंगा
जो उम्र भर साथ देने का वादा किया है इससे कभी मुकरना नहीं वक्त के बदलाव में बहुत कुछ बदल जाएगा मगर अपने इरादों से बदलना नहीं